वीर सावरकरका जीवनी, वीर सावरकरका जीवन परिचय, बायोग्राफी, कौन है, विकी, उम्र, रोचक तथ्य, लंबाई, गर्ल फ्रेंड, पत्नी और संपत्ति (Veer Savarka Biography in Hindi, Jivani, Veer Savarka biography, Family, Education, Career, Veer Savarka Age, Instagram, Wife, Veer Savarka height, Veer Savarka wife, Veer Savarka marriage, Veer Savarka child)
Veer Savarkar भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी, लेखक, और समाज सुधारक थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनका नाम भारतीय राष्ट्रवादी संघ (RSS) के संस्थापकों में से एक के रूप में लोकप्रिय है। सावरकर के विचारों में भारतीय राष्ट्रीयता, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता और स्वदेशी भावना को महत्व दिया गया था। उनके लेखों में देशभक्ति, स्वाधीनता, राष्ट्रीय एकता के प्रति उत्साह और भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति प्रेम का प्रतिबिम्ब मिलता है। इस लेख में हम आपको उनके जीवन परिचय, उम्र, करियर, शिक्षा, लंबाई, गर्लफ्रेंड और संपत्ति के बारे में विस्तार में बताएँगे।
वीर सावरकर का जीवन परिचय (Veer Savarka Biography in Hindi)
जन्म तिथि | 28 मई 1883 |
जन्म स्थान | भागुर, महाराष्ट्र, भारत |
पिता का नाम | दामोदर राव सावरकर |
माता का नाम | राधाबाई सावरकर |
शिक्षा | दीक्षित विद्यापीठ, पुणे |
नागरिकता | भारतीय |
संगठन | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) |
प्रमुख कार्य | स्वतंत्रता सेनानी, विचारक, समाज सुधारक |
कवियता | “हे भारत माता” (वंदे मातरम्) |
प्रमुख किताब | “1857ची प्रथम तलवार” |
मृत्यु तिथि | २६ फरवरी, १९६६ |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
वीर सावरकर जन्म और परिवार (Veer Savarka Birth and Education)
Veer Savarka का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के भागुर नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदर पंत था और माता का नाम रधाबाई था। उन्होंने वर्णाश्रम धर्म के अनुसार ब्राह्मण के रूप में शिक्षा प्राप्त की। उनके पिता दामोदर पंत एक ग्राम पंचायत सदस्य थे और उनका घर परिवार आर्थिक रूप से ध्वजीय था। वीर सावरकर को उनके घरवालों ने “बाळा” नाम से पुकारा था। वे अपने भाई गणेश और बहन ऐका और मैना के साथ अपने माता-पिता के साथ खुशहाल बचपन का जीते थे।
शिक्षा के संबंध में, वीर सावरकर ने वर्णाश्रम धर्म के अनुसार ब्राह्मण के रूप में शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने पासकला और महाराष्ट्र में विद्यार्थी जीवन व्यतीत किया। वीर सावरकर के विचार और लेखन के प्रति उत्साह देखते हुए, उनके शिक्षकों ने उन्हें एक समृद्ध बुद्धि और दृढ़ संकल्प के साथ विद्यार्थी जीवन जीने का संदेश दिया। उनके शिक्षकों ने वीर सावरकर की उच्च विद्यालय में उत्कृष्टता दिखाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया था। वे ब्रिटिश सरकार के परीक्षा प्रणाली के खिलाफ थे और उन्होंने विद्यार्थी जीवन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए जुटने का निर्णय लिया था। वीर सावरकर के परिवार और उनके शिक्षा संबंधी मूल्यपूर्ण प्रसंग उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलु हैं, जो उन्हें एक विचारशील, देशभक्त, और क्रांतिकारी बनाया।
वीर सावरकर प्रारंभिक करियर (Veer Savarka early career)
वीर सावरकर ने अपने प्रारंभिक करियर में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए जुटने का निर्णय लिया। वे भारतीय स्वाधीनता संग्राम के समर्थक और राष्ट्रीयता के पक्षधर बने। उन्होंने द्वारका और कांवरत के दो ग्रंथ लिखे, जिनमें उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रोत्साहित किया और विद्रोह की भावना को उत्तेजित किया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रवादी मित्रमंडली की स्थापना की, जो भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की एक मुख्य चेतना थी।
प्रारंभिक करियर के दौरान वीर सावरकर ने भारतीय समाज के उत्थान और राष्ट्रीयता को महत्व दिया और उनके विचार और क्रियाकलाप ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया। उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया।
सावरकर को वीर किसने कहा Veer Savarka Biography in Hindi
वीर सावरकर को “वीर” श्रेणी में रखने का श्रेय उनके समर्थकों और प्रशंसकों को जाता है। वीर सावरकर के संघर्षपूर्ण और देशभक्तिपूर्ण जीवन के कारण उन्हें “वीर” या “वीर शाहीद” के रूप में सम्मानित किया जाता है।
वीर सावरकर को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी विचारकों में से एक माना जाता है। उनके विचारधारा और साहसिक योगदान ने देश को स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में प्रेरित किया। उनके विचार और लेखनी ने देशवासियों को राष्ट्रीय एकता और स्वाधीनता के लिए जुटने के लिए प्रोत्साहित किया।
वीर सावरकर के नाम के आगे “वीर” शब्द का उपयोग करके उन्हें सम्मानित करने का अभिवादन उनके बहुमूल्य योगदान के प्रति दिखाता है। उनके बहादुरी और दृढ़ संकल्प के लिए वे “वीर” श्रेणी में सम्मानित किए जाते हैं।
वीर सावरकर ने देश के लिए क्या किया?
वीर सावरकर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीयता के प्रचार-प्रसार में योगदान: सावरकर ने भारतीय राष्ट्रीयता को प्रचार-प्रसार करने में अपना योगदान दिया। उन्होंने भारतीय संस्कृति, भाषा, और ऐतिहासिक विरासत के प्रति गर्व और उत्साह को जागृत किया। उनके विचारधारा ने भारतीय राष्ट्रीयता में एकता को बढ़ावा दिया और देशवासियों को एक समृद्ध राष्ट्र के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
- स्वतंत्रता संग्राम के समर्थक: सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख समर्थक थे। उन्होंने देश की आजादी के लिए समर्थकता प्रदान की और देश के शौर्य और साहस को सराहा। उनके विचारों और लेखन से देशवासियों को स्वतंत्रता के लिए अभियान में जुटने का प्रेरणा मिला।
- भारतीय राष्ट्रवादी संघ (RSS) की स्थापना: सावरकर ने 1925 में भारतीय राष्ट्रवादी संघ (RSS) की स्थापना की थी। यह संगठन स्वयंसेवकों के लिए एक स्वयंसेवी और समाज सेवा पर आधारित संगठन है। RSS के उद्देश्य देशवासियों को राष्ट्रीय एकता और स्वाधीनता के लिए प्रेरित करने का था।
- भारतीय स्वाधीनता संग्राम के लिए लेखन: सावरकर ने अपने लेखन से भारतीय स्वाधीनता संग्राम के लिए समर्थकता प्रदान की। उनकी रचनाएं और ग्रंथ भारतीय संस्कृति, भाषा, और भारतीय स्वाधीनता के प्रति भावना को प्रतिबिम्बित करते थे।
वीर सावरकर की मृत्यु कैसे हुई
वीर सावरकर की मृत्यु २६ फरवरी, १९६६ को हुई थी। उनकी मृत्यु महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुई थी। वीर सावरकर के जीवन में एक बड़ी घटना जो उनकी मृत्यु के पश्चात विवादित रही थी, वह उनकी केमिकल हथियार के प्रयोग के संबंध में थी। १९४८ में, वीर सावरकर को जब उनके आवास पर एक हमला हुआ था, तो उन्होंने अपने केमिकल हथियार का प्रयोग किया था। इस हमले के पश्चात वे गंभीर रूप से बीमार हो गए और इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।
वीर सावरकर की मृत्यु एक बार फिर राजनीतिक विवादों के बीच हुई, क्योंकि कुछ लोग इसे एक हत्यारे ने किया होने के रूप में भी देख रहे थे। लेकिन, एक अधिकारिक जाँच के बाद, इसे एक प्राकृतिक मृत्यु तथा पश्चाताप के कारण कारणों के रूप में स्थानांतरित किया गया था।
सावरकर को कालापानी की सजा क्यों हुई
वीर सावरकर को “कालापानी” की सजा उनके संघर्षपूर्ण देशभक्ति और स्वतंत्रता के पक्ष में कार्रवाई करने के कारण हुई थी। कालापानी एक सजा है जिसे ब्रिटिश सरकार ने राजकीय गतिविधियों के लिए सजा के रूप में लागू किया था। यह अन्यायपूर्ण सजा उन लोगों के लिए होती थी जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पक्ष में कार्रवाई करते थे और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ उठ खड़े होते थे।
१९०९ में, जब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियां तेज हो गई थीं, वीर सावरकर ब्रिटिश सरकार के विरोधी और देशभक्ति अभियान के लिए प्रमुख रहे थे। उन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लोगों को जागरूक किया। उनके विचारों और क्रियाकलापों के कारण उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी विचारकों में से एक बना दिया गया था।
१९०९ में, वीर सावरकर के बंदी होने के बाद, उन्हें लगभग दस साल के लिए कालापानी जेल में बंद किया गया था। कालापानी जेल आंदमान निकोबार द्वीप समूह के अंदर एक जेल थी जो भारत से बहुत दूर स्थित थी। यह जेल ब्रिटिश सरकार द्वारा सजा के रूप में उपयोग की जाती थी और उन व्यक्तियों को भेजा जाता था जो देश के स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते थे।
वीर सावरकर के आधुनिक भारतीय इतिहास में उनके संघर्षपूर्ण जीवन और कार्रवाई के लिए उन्हें बहुत महत्वपूर्ण सम्मान दिया जाता है।
वीर सावरकर के राजनीतिक विचार Veer Savarka Biography in Hindi
वीर सावरकर एक प्रख्यात भारतीय राजनीतिक नेता और देशभक्त विचारक थे। उनके राजनीतिक विचारों का मुख्य ध्येय भारतीय राष्ट्रवाद, स्वाधीनता और राष्ट्रीयता को प्रोत्साहित करना था। वीर सावरकर के राजनीतिक विचारों का सारांश निम्नलिखित था:
- हिंदुत्व (Hindutva): वीर सावरकर का सबसे प्रमुख राजनीतिक विचार हिंदुत्व था। उनके अनुसार, हिंदुत्व भारतीय संस्कृति, धर्म, भाषा, और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने हिंदुत्व को एक राष्ट्रीय अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित किया और सभी भारतीयों को इसका समर्थन करने को प्रेरित किया।
- स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle): वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख समर्थक थे और उन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। उनके विचारों और क्रियाकलापों के लिए वे ब्रिटिश सरकार के विरोधी भी बन गए थे और इसके कारण उन्हें ब्रिटिश सरकार ने कालापानी जेल में बंद किया था।
- राष्ट्रवाद (Nationalism): वीर सावरकर भारतीय राष्ट्रवाद के प्रमुख प्रोत्साहक थे और उन्होंने देशभक्ति के लिए लोगों को जागरूक किया। उनके विचारों में राष्ट्रीय एकता और स्वाधीनता के प्रति समर्पण था।
- भाषा संधि (Language Unity): वीर सावरकर ने भाषा संधि को महत्व दिया और उन्हें राष्ट्रीय एकता के संरक्षक के रूप में देखा। उन्होंने भारतीयों को अपनी भाषा, संस्कृति और समृद्धि के प्रति गर्व महसूस करने के लिए प्रेरित किया।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवा (National Service): वीर सावरकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवा को प्रोत्साहित किया और इसे राष्ट्रीय एकता और सेवा के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण का एक महत्वपूर्ण उपाय बताया।
वीर सावरकर की माफी का सच
वीर सावरकर की माफी का सच एक विवादास्पद विषय है। उनके जीवन में कई विवादित मुद्दे रहे हैं और माफी भी उनमें से एक है। कुछ लोग दावा करते हैं कि वीर सावरकर ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय ब्रिटिश सरकार के साथ समझौता कर लिया था और माफी मांगी थी। इसका उनके पक्षधरों द्वारा प्रमाणित विद्वानों द्वारा भी समर्थित किया जाता है।
वहीं, कुछ लोग इस दावे को खारिज करते हैं और कहते हैं कि वीर सावरकर ने कभी भी राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के पक्ष में ब्रिटिश सरकार से माफी नहीं मांगी थी। उनके पक्षधरों के मुताबिक, इस दावे का कोई सबूत नहीं है और यह एक भ्रम है।
इसलिए, वीर सावरकर की माफी के सच को लेकर विभिन्न विचार हैं और इस पर स्पष्टता के रूप में एक आधिकारिक स्थिति नहीं है। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए उचित रिसर्च और अध्ययन की आवश्यकता होती है।
वीर सावरकर पत्नी (Veer Savarka wife name)
Veer की पत्नी का नाम यमुनाबाई था। यमुनाबाई उनके साथी और साथवी होती थीं और उनके समर्थन में खड़ी थीं। वीर सावरकर और यमुनाबाई का विवाह बचपन में हुआ था, जब वीर सावरकर की आयु केवल 9 वर्ष थी।
वीर सावरकरके बारे में रोचक तथ्य (Veer Savarka Facts)
- वीर सावरकर ने राष्ट्रीय भाषा के पक्ष में लिपि बदलने के लिए काम किया था। उन्होंने देवनागरी लिपि को बढ़ावा दिया और भारतीय भाषाओं को लिपिकरण के लिए उत्साहित किया।
- 1909 में भारतीय राष्ट्रीय राष्ट्रगान “वंदे मातरम्” के गीत का संशोधन किया था और इसे एक देशभक्ति गाना बनाया था। इस गाने को आज भारत का राष्ट्रगान माना जाता है।
- सावरकर ने “हिंदु राष्ट्र” के विचार को अपनाया था और इसका प्रसार किया था। उनके विचारों के आधार पर हिंदुओं के एकता और राष्ट्रीय अभिवृद्धि को प्रोत्साहित किया गया।
- उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष किया। इसके बाद, उन्हें कालापानी जेल में बंद कर दिया गया था।
- वीर सावरकर की किताब “1857ची प्रथम तलवार” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से सम्बंधित है और इसमें उन्होंने 1857 की क्रांति के विषय में विचार व्यक्त किए हैं।
- सावरकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवा संघ (RSS) की स्थापना की थी, जो भारत में राष्ट्रीय एकता और सेवा के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण को समर्थन करता है।
- उन्होंने राष्ट्रीय विचारधारा को प्रसारित करने के लिए विभिन्न भाषण और लेखनों का समर्थन किया। उनकी रचनाएं और लेखन संस्कृति और भारतीय राष्ट्रीयता के प्रति लोगों में उत्साह भर देती हैं।
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