शारदा सिन्हा का जीवन परिचय, जीवनी, जन्म, शिक्षा, उम्र, परिवार, पति, संपत्ति, प्रसिद्ध गीत, विवाद (Sharda Sinha Biography in Hindi, Wiki, Husband, Net Worth, Latest Songs, Family, Education, Birthday, Career, Age, Marriage, Husband, Latest News, Hobbies, Personal Life, Lifestyle, Photos, Sister, Controversy, Sharda Sinha biography in hindi wikipedia)
शारदा सिन्हा भारत की प्रसिद्ध लोकगायिका हैं, जिन्हें विशेष रूप से भोजपुरी, मैथिली और मगही लोकगीतों के लिए जाना जाता है। बिहार की यह लोकप्रिय गायिका अपनी आवाज के जादू और पारंपरिक गीतों के लिए जानी जाती हैं। लोक संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा “पद्म श्री” और “पद्म भूषण” जैसे सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life and Education)
शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले में हुआ। उनके परिवार का संगीत से गहरा नाता था, जिसने शारदा को बचपन से ही संगीत के प्रति आकर्षित किया। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से संगीत की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की और विभिन्न शैलियों में अपना ज्ञान और कौशल विकसित किया।
करियर की शुरुआत (Career, Famous Songs)
शारदा सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन और आकाशवाणी के माध्यम से की। धीरे-धीरे उनकी पहचान एक लोकगायिका के रूप में बनने लगी। उनके गीत जैसे “काहे तोसे सजना” और “पीरितिया के बलमुआ” बिहार और उत्तर प्रदेश में बहुत लोकप्रिय हुए। उनकी आवाज में लोकसंगीत की मिठास और सांस्कृतिक गहराई ने उन्हें अनूठा स्थान दिलाया।
प्रसिद्धि और योगदान Sharda Sinha Biography in Hindi
शारदा सिन्हा की आवाज विशेष रूप से छठ पूजा के गीतों के लिए पहचानी जाती है।
उनके गीत “हो दीनानाथ” और “फूलुंह में अर्घिया” छठ पर्व के दौरान हर घर में गूंजते हैं।
उनके गीतों की खूबी यह है कि वे लोक संस्कृति की सादगी और मिट्टी की खुशबू से सराबोर हैं, जिससे श्रोता उनसे गहरे जुड़ाव का अनुभव करते हैं।
पुरस्कार और सम्मान (Awards)
शारदा सिन्हा को भारतीय संगीत में योगदान के लिए कई सम्मान मिले हैं:
- पद्म श्री पुरस्कार: 1991 में, लोक संगीत में उनकी सेवाओं के लिए दिया गया।
- पद्म भूषण पुरस्कार: 2018 में इस उच्च नागरिक सम्मान से उन्हें नवाजा गया।
- अन्य क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार: भोजपुरी रत्न पुरस्कार सहित उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
विवाद और चर्चा (Controversy)
- शारदा सिन्हा ने हमेशा अपने काम को प्राथमिकता दी है और विवादों से दूर रही हैं।
- उनके प्रशंसक उन्हें एक सुसंस्कृत और समर्पित कलाकार के रूप में जानते हैं।
समाज के प्रति योगदान Sharda Sinha Biography in Hindi
शारदा सिन्हा न केवल एक प्रतिभाशाली गायिका हैं, बल्कि उन्होंने अपने लोकगीतों के माध्यम से बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित किया है।
उनकी लोकगायकी समाज की गहरी समझ और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण का एक माध्यम है।
निष्कर्ष
- शारदा सिन्हा भारतीय लोक संगीत का एक ऐसा नाम है जो सदियों तक जीवित रहेगा।
- उनकी कला में बिहार की संस्कृति, लोकगीतों की आत्मा और सादगी को खूबसूरती से उकेरा गया है।
- उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
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