कृष्ण राव शंकर पंडित का जीवनी, कृष्ण राव शंकर पंडित का जीवन परिचय, बायोग्राफी, कौन है, विकी, उम्र, रोचक तथ्य, लंबाई, पत्नी और संपत्ति (Krishna Rao Shankar Pandit Biography in Hindi, Krishna Rao Shankar Pandit Wikipedia, Krishna Rao Shankar Pandit family, Education, Career, Income, Krishna Rao Shankar Pandit children, Krishna Rao Shankar Pandit Age, krishna rao shankar pandit in hindi, Krishna Rao Shankar Pandit children)
इस पोस्ट में हम जानेगे Krishna Rao Shankar Pandit के जीवन परिचय के बारे में। कृष्ण राव शंकर पंडित का संगीत जगत में बहुत योगदान रहा है और इन्होने अलग अलग जगहों से संगीत की शिक्षा भी प्राप्त की है । कठिन साधन और तपस्या से इन्होने संगीत की दुनिया में महानता प्राप्त की। इनके शास्तिय स्वर, ताल पर पूर्ण अधिकार और लयकारी के देश के बहुत बड़े बड़े विद्वानों ने बहुत प्रशंसा की। इनकी मृत्यु 22 अगस्त 1989 को हुआ। इनके चार पुत्र थे जिनका नाम नारायण राव, लक्ष्मण, चंद्रकांत और सदाशिव है। इस लेख में हम आपको Krishna Rao Shankar Pandit wikipedia, जीवन परिचय, उम्र, करियर, शिक्षा, लंबाई, गर्लफ्रेंड और संपत्ति के बारे में विस्तार में बताएँगे।
कृष्ण राव शंकर पंडित का जीवन परिचय (Krishna Rao Shankar Pandit Biography in Hindi)
नाम | कृष्ण राव शंकर पंडित |
उपनाम | पंडित कृष्ण राव |
जन्म | 25 जुलाई 1893 |
मृत्यु | 22 अगस्त 1989 |
आयु | 1893-1989 (96 वर्ष) |
जन्म स्थान | ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत |
पिता | श्री शंकर राव |
माता | ज्ञात नहीं |
भाई | ज्ञात नहीं |
बहन | ज्ञात नहीं |
दादा | ज्ञात नहीं |
स्कूल | ज्ञात नहीं |
कॉलेज | ज्ञात नहीं |
गुरू | पिता, हद्दू खा और नत्थू खा |
प्रोफेशन | संगीतज्ञ |
धर्म | हिन्दू |
जाति | दक्षिण ब्राहमण |
वैबाहिक स्थति | विवाहित |
पत्नी | ज्ञात नहीं |
बेटि | मीता पण्डित |
बेटा | नारायण राव, लक्ष्मण, चंद्रकांत सदाशिव |
नेट वर्थ | ज्ञात नहीं |
वजन | 75 किलोग्राम |
ऊंचाई | 5 फीट 8 इंच |
बालों का रंग | काला |
आँखों का रंग | काला |
राशि | वृश्चिक राशी |
शौक | संगीत |
कृष्ण राव शंकर पंडित जन्म और परिवार (Krishna Rao Shankar Pandit Birth and Krishna Rao Shankar Pandit family)
संगीत कला के विद्वान कृष्ण राव शंकर पंडित का जन्म 25 जुलाई 1893 को ग्वालियर के एक पंडित परिवार में हुआ। इनका जन्म ग्वालियर में हुआ था इसलिए वह ग्वालियर घराने से सम्बन्ध रखते थे। ये एक दक्षिणी ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे। इनके पिताजी स्वर्गीय श्री शंकर राव एक फेमस संगीतज्ञ थे। इनके पिताजी का नाम इनके नाम से जोड़ दिया गया था।
कृष्ण राव शंकर पंडित करियर (Krishna Rao Shankar Pandit Career) pandit krishna rao shankar jivan parichay
कृष्ण राव ने हद्दू खा और नत्थू खा से संगीत की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। हद्दू खा और नत्थू ग्वालियर घराने से संबंध रखते थे इसलिए इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इन्ही से ली। इसके बाद इन्होने श्री निवास हुसैन के देख रेख में 12 साल तक संगीत की कठोर साधना की। इन्होने अपने पिताजी से भी संगीत की शिक्षा ली थी।
इतने अवल कलाकार होने के बाद भी इनको अभिमान चू तक नहीं था। इनका जीवन सरल और सादगीपूर्ण था। इन्होंने देश के कोने कोने में अपनी संगीत ज्ञान का धाक जमा चुके थे। इनकी प्रशिध्धि देख कर वर्ष 1913 में महाराज सतार ने इनको अपने यहाँ शिक्षक के रूप में रखा। इसके बाद महाराज ग्वालियर ने भी पंडित कृष्ण राव अपने दरबार में रखा जहा ग्वालियर युवराज और उनकी बहन को संगीत की शिक्षा दी।
पंडित राव जी बोलतान बहुत सुन्दर कहते थे। इनकी विशेषता यह भी थी की “गले की मींड” तीन सप्तक की तान कहने के बाद या फिर ग से ग यानि पुरे एक सप्तक की मींड कहकर सुर पर न्यास देते थे और यह काम किसी साधारण गायक का नहीं था। इनकी एक और विशेषता गायकी की पटीलाता है। इनका विलंबित ख्याल जब समाप्त होने आता है तो ताने इनकी जटिल हो जाती थी की श्रोतावो का जी घबरा उठता था। इनको संगीतोद्वारक सभा मुल्तान ने “गायक शिरोमणि” अहमदाबाद आ ई विभाग ने “गायन विशारद” की उपाधि से विभूषित किया था। ग्वालियर दरबार ने भी “संगीत रत्नाकर” के उपाधि से सम्मानित किया था।
कृष्ण राव शंकर पंडित संगीत के प्रति योगदान (contribution to music)
- पंडित कृष्ण राव जी ने हार्मोनिया, सितार, जलतरंग और तबला वादन पर अलग अलग किताबे लिखी है।
- इनके संगीत-सरगम-सार, संगीत प्रवेश, संगीत-आलाप संचारी आदि पुस्तकों के लिए आपकी रचनाएँ प्रसिद्ध हैं।
- इन्होने “संगीत सरगम सार”, “संगीत प्रवेश”, “संगीत अलापा संचारी” आदि संगीत की प्रसिद्ध पुस्तके लिखी हुई है।
- वर्ष 1973 में इनको भारत सरकार ने ‘पदम् भूषण’ ने नवाजा गया।
- इन्होने ग्वालियर में ‘शंकर गांध्रव विद्यालय’ की अस्थापना वर्ष 1914 में की थी। इस विद्यालय से प्रति वर्ष अच्छे अच्छे कलाकार निकलते है।
- इन्होने अच्छे अच्छे शिष्य बनाये जिन्होंने संगीत के चेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिए। इनके शिष्य में रामचंद्र राव सप्तर्षि, पुरुषोत्तम, दत्तात्रेय जोगलेकर और प्रोफेसर एकनाथ अरोलकर का उलेखनीय है।
कृष्ण राव शंकर पंडित पत्नी (Krishna Rao Shankar Pandit wife, Krishna Rao Shankar Pandit children)
उनका शादी हो चुकी थी और इनके चार होनहार पुत्र हुए , लेकिन इनकी पत्नी के बारे में कोइ सूचना नहीं जैसे हम ज्ञात होगा हम पोस्ट अपडेट कर देंगे।
कृष्ण राव शंकर पंडित नेटवर्थ (Krishna Rao Shankar Pandit Net Worth)
वह बहुत बड़े संगीतज्ञ थे और इन्होने बहुत सारे पुस्तके भी लिखे थे लेकिंग इनके नेट वर्थ ज्ञात नहीं है।
कृष्ण राव शंकर पंडित के बारे में रोचक तथ्य (Krishna Rao Shankar Pandit Facts)
- इसका स्वभाव कोमल और सरल था।
- इनके पिताजी भी एक प्रशिद्ध संगीतज्ञ थे।
- संगीत में पंडित जी का नाम सदा रौशन रहेगा।
- इनके संगीत के योगदान के लिए पद्मभूषण, संगीत नाटक अकादमी सम्मान, तानसेन सम्मान, संगीत भीष्माचार्य, आकाशवाणी सम्मान, शिखर सम्मान, गान महर्षि, भुवाल्का सम्मान, स्वर विलास से सम्मानित किया गया था।
FAQs
Q : Krishna Rao Shankar Pandit की आयु कितनी है ?
Ans : इनकी मृत्यु 96 वर्ष की आयु में हुई थी।
Q : कृष्ण राव शंकर पंडित कौन है ?
Ans : वह एक प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे।
Q : कृष्ण राव शंकर पंडित का जन्म कब हुआ?
Ans : 26 जुलाई 1894
Q : कृष्ण राव शंकर पंडित का जन्म कहा हुआ?
Ans : ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत
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