भगत सिंह का जीवनी, भगत सिंह का जीवन परिचय, बायोग्राफी, कौन है, विकी, उम्र, रोचक तथ्य, लंबाई, गर्ल फ्रेंड, पत्नी और संपत्ति (Bhagat Singh Biography in Hindi, Jivani, Bhagat Singh biography, Family, Education, Career, Bhagat Singh Age, Girl Friend, Bhagat Singh wife, Bhagat Singh marriage, Bhagat Singh child, bhagat singh biography in hindi pdf, sardar bhagat singh biography in hindi, shaheed bhagat singh biography in hindi, shahid bhagat singh biography in hindi)
Bhagat Singh एक प्रशिद्ध क्रांतिकारी थे जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपना प्राण न्योछावर कर दिया और वीरगति प्राप्त की। उन्होंने लाहौर गेट आंदोलन, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन यूनियन और बॉम्बे संगठन जैसी महत्वपूर्ण संगठनों में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने लोहा गाड़ी कांड में भी अहम भूमिका निभाई और आजादी के लिए संघर्ष किया। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई। उनकी शहादत ने देशभक्तों में एक अद्वितीय प्रेरणा का स्रोत बनाया और उनका योगदान भारतीय इतिहास में अमर है। इस लेख में हम आपको उनके जीवन परिचय, उम्र, करियर, शिक्षा, लंबाई, गर्लफ्रेंड और संपत्ति के बारे में विस्तार में बताएँगे।
भगत सिंह का जीवन परिचय (Bhagat Singh Biography in Hindi)
नाम | भगत सिंह |
उपनाम | शहीद-ए-आजाद |
जन्म | 28 सितंबर 1907 |
जन्म स्थान | लायलपुर, पंजाब (अब लाहौर, पाकिस्तान), भारत |
पिता | खुश्वंत सिंह |
माता | विद्यावती |
भाई | एक |
बहन | एक |
संगठन | हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन यूनियन (HSRA) |
प्रमुख आंदोलन | लाहौर गेट आंदोलन, लोहा गाड़ी कांड |
शहादत तिथि | 23 मार्च 1931 |
शहादत स्थान | लाहौर, पंजाब (अब पाकिस्तान) |
भगत सिंह जन्म और परिवार (Bhagat Singh Birth, Family, Bhagat Singh father)
Bhagat Singh भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के जिले लायलपुर (अब लाहौर) में हुआ था। उनके पिता का नाम खुश्वंत सिंह था, जो एक किसान थे और संघर्षप्रिय व्यक्ति थे। उनकी मां का नाम विद्यावती था। भगत सिंह के एक बड़े भाई और एक छोटी बहन भी थीं।
उनके परिवार में गरीबी की स्थिति थी, लेकिन उनके परिवार के सदस्य गर्व के साथ अपने दैनिक जीवन को बिता रहे थे। उनके पिता ने उन्हें विचारधारा, नैतिकता, और देशभक्ति की महत्वपूर्ण शिक्षा दी। इस दौरान भगत सिंह ने देशभक्ति और स्वतंत्रता के प्रति उनकी आदर्शवादी सोच का विकास किया।
Bhagat Singh के परिवार की गरीबी और संघर्षपूर्ण सामाजिक परिस्थितियों ने उन्हें एक संघर्ष करने और देश की आजादी के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी। उनके परिवार का समर्थन और प्रेरणा ने उन्हें आगे बढ़ने की साहसिकता और संघर्ष करने की क्षमता प्रदान की।
भगत सिंह का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Bhagat Singh early life and Education)
उनका बचपन संघर्षपूर्ण था और उन्होंने देशभक्ति के लिए अपनी प्रेरणा और संघर्ष की भावना को व्यक्त किया। यहां उनके बचपन के संघर्ष के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का वर्णन है:
शिक्षा और उनकी विचारधारा
भगत सिंह को अपने पिता खुशवंत सिंह द्वारा अच्छी शिक्षा की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने आदर्शवादी विचारधारा प्राप्त की और सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी आदर्शवादी भावना को प्रभावित किया।
अंग्रेजी शिक्षक के खिलाफ प्रतिरोध
भगत सिंह के बचपन में, उनके अंग्रेजी शिक्षक ने उन्हें जबरदस्ती अंग्रेजी भाषा का ज्ञान देने की कोशिश की। यह उन्हें नाराज कर दिया और उन्होंने इस प्रतिरोध का विरोध किया, क्योंकि उन्हें लगा कि भारतीय भाषाओं का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रभाव
वह अपने बचपन के दिनों में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के घटनाक्रमों के प्रभाव में रहकर देशभक्ति की भावना को गहराया। उन्होंने महात्मा गांधी, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्तों के विचारों का पाठ पढ़ा और उनकी संघर्षों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
आंदोलनों में सक्रियता
भगत सिंह ने अपने बचपन के दिनों में आंदोलनों में भी सक्रियता दिखाई। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण आंदोलनों में हिस्सा लिया जैसे कि लाहौर गेट आंदोलन, जिसमें उन्होंने अंग्रेज सरकार के खिलाफ नाराज़गी का प्रदर्शन किया था। भगत सिंह के बचपन के संघर्ष ने उन्हें एक संघर्षकर्मी और देशभक्त के रूप में निर्मित किया और उन्होंने अपने बचपन के दिनों में आर्य समाज, युवा मुक्ति संघ, और अन्य स्वतंत्रता संगठनों के साथ गहरा संबंध बनाया।
भगत सिंह की स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी (Participation in the Freedom Struggle)
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न ढंगों से सक्रिय भूमिका निभाई। यहां उनकी स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का वर्णन है:
हिंसा के प्रति उत्साह (Enthusiasm for Violence):
Bhagat Singh ने देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसा के प्रति एक अत्यंत उत्साह और संघर्ष की भावना रखी। उन्होंने इंग्लिश शासन के खिलाफ हिंसा की चुनौती ली और उन्हें आजादी के लिए संघर्ष करने का निर्धार किया।
हिन्दू राष्ट्रवाद और मुस्लिम संघर्ष (Hindu Nationalism and Muslim Struggle):
Bhagat Singh ने विभाजन के विषय में अपनी विचारधारा को व्यक्त किया और हिन्दू राष्ट्रवाद के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने अपनी संघर्षशीलता के माध्यम से धर्मांतरण और जातिवाद के विरुद्ध लड़ाई ली, जिसने उन्हें राष्ट्रीय एकता की महत्वपूर्णता का अनुभव कराया।
लाहौर गेट आंदोलन (Lahore Conspiracy Case):
उन्होंने वर्ष 1929 में लाहौर गेट आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें उन्होंने अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ नाराजगी का प्रदर्शन किया। इस आंदोलन के दौरान उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता के लिए सत्याग्रह का संकल्प लिया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
भगत सिंह का योगदान (Contribution):
Bhagat Singh की सक्रियता और अद्वितीय वीरता ने उन्हें देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके संघर्ष और बलिदान ने देशभक्तों को प्रेरित किया और उन्हें अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। उनकी शहादत ने देश को अद्वितीय वीरता और गौरव की अनुभूति कराई है।
भगत सिंह अफेयर्स, गर्लफ्रेंड, पत्नी (Bhagat Singh Affairs, girlfriend name, wife name)
उनके विषय में किसी भी प्रेमिका या गर्लफ्रेंड के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। भगत सिंह एक क्रांतिकारी थे और उनका पूरा जीवन देशभक्ति के कार्यों में समर्पित था।
भगत सिंह के बारे में रोचक तथ्य (Bhagat Singh Facts)
- युवा क्रांतिकारी: वह एक युवा क्रांतिकारी थे जब उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उनकी उम्र केवल 23 वर्ष थी जब उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।
- राजगुरु के साथ मित्रता: भगत सिंह की एक अद्वितीय मित्रता राजगुरु (चंद्रशेखर आजाद) के साथ थी। वे संगठन के सदस्य भी थे और एक साथ कई क्रांतिकारी कार्यों में संग में थे।
- लोहा गाड़ी कांड: उन्होंने, सुखदेव और राजगुरु ने लोहा गाड़ी कांड में भाग लिया। इस कांड में, उन्होंने लाहौर में हुए एक बम विस्फोट के लिए जिम्मेदारी ली थी जिससे कई लोगों की मौत हुई थी।
- अद्वितीय रचनाएं: उन्होंने अपने बचपन से ही कविताएं और लेखन करना शुरू कर दिया था। उनकी कविता “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” बहुत प्रसिद्ध हुई है।
- गर्व और अदम्य साहस: फांसी के बाद भी अपनी गर्व और अदम्य साहस बरकरार रखा। उन्होंने अपने आखिरी शब्दों में कहा था, “इंकलाब ज़िंदाबाद!” जो उनकी अद्वितीय वीरता का प्रतीक है।
- शहीद और अद्वितीय वीरता: भगत सिंह की शहादत ने उन्हें देशभक्तों के हीरो के रूप में दुनिया भर में मशहूर किया है। उनकी अद्वितीय वीरता, संघर्ष और समर्पण ने देश को गर्वित किया है और उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है।
FAQs
Q : भगत सिंह का जन्म स्थान क्या है?
Ans : उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था।
Q : भगत सिंह की माता-पिता का नाम क्या है?
Ans : पिताजी का नाम खुशवंत सिंह था और माताजी का नाम विद्यावती था।
Q : भगत सिंह के परिवार में कितने सदस्य थे?
Ans : उनके परिवार में उनके पिता, माता, एक बड़े भाई, और एक छोटी बहन थीं।
Q : भगत सिंह की शहादत कब हुई?
Ans : उनकी शहादत 23 मार्च, 1931 को हुई थी।
Q : भगत सिंह को किस नारे से जाना जाता है?
Ans : उन्हें “शहीद-ए-आजाद” और “राष्ट्रवीर” कहा जाता है। उनकी वीरता, साहस और देशभक्ति के लिए उन्हें यादगार बनाते हैं।
Q : भगत सिंह की रचनाएं कौन-कौन सी हैं?
Ans : उनकी प्रसिद्ध कविता “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” आज भी बहुत प्रसिद्ध है।
Q : भगत सिंह ने किस आंदोलन में भाग लिया था?
Ans : उन्होंने कई आंदोलनों में भाग लिया, जिनमें से कुछ प्रमुख आंदोलन हैं: लाहौर गेट आंदोलन, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन यूनियन (HSRA) के साथ योजित आंदोलन, और लोहा गाड़ी कांड में भाग लेना।
Q : भगत सिंह का लोहा गाड़ी कांड क्या है?
Ans : लोहा गाड़ी कांड एक योजना थी जिसमें भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु द्वारा ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बम विस्फोट करने की योजना बनाई गई थी। इसके बाद, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को गिरफ्तार किया गया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।
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